भारत में 1win के नियम और विनियम

यह पृष्ठ भारत में आधिकारिक वेबसाइट और मोबाइल ऐप के सभी उपयोगकर्ताओं पर लागू नियमों, कानूनी शर्तों और उपयोग नीतियों का सार प्रदान करता है। यहां वर्णित आवश्यकताएं प्रत्येक खाता और पंजीकरण पर समान रूप से लागू होती हैं। आप सेवाओं का उपयोग करके स्वीकार करते हैं कि स्थानीय कानूनों के अनुरूप दांव और बेटिंग के लिए आप स्वयं उत्तरदायी हैं। ऐसे राज्यों या क्षेत्रों में जहां ऑनलाइन सट्टेबाज़ी अनुमत नहीं है, सेवाएं उपलब्ध नहीं मानी जाएंगी। यह दस्तावेज़ समय-समय पर अद्यतन हो सकता है।

सामान्य शर्तें

  • स्वीकृति: साइट या ऐप का उपयोग, खाता बनाना, पंजीकरण पूरा करना या दांव लगाना दर्शाता है कि आप इन नियमों को पढ़कर स्वीकार करते हैं। भविष्य में किए गए संशोधन भी आपकी जारी उपयोग से लागू माने जाएंगे।
  • पात्रता: सेवा का उपयोग केवल 18 वर्ष या उससे अधिक आयु के व्यक्तियों के लिए अनुमत है। जिन राज्यों में ऑनलाइन बेटिंग या दांव कानूनी रूप से प्रतिबंधित है – जैसे कि तेलंगाना और आंध्र प्रदेश सहित अन्य प्रतिबंधित अधिकार-क्षेत्र – वहां से उपयोग अनुमत नहीं है। स्थानीय कानूनी पालन की जिम्मेदारी आपकी है।
  • शर्तों में परिवर्तन: प्लेटफ़ॉर्म इन नियमों, बोनस नियमों, सामान्य बेटिंग नियमों और सेवाओं की नीतियों को अद्यतन करने का अधिकार रखता है। परिवर्तन प्रभावी होते ही लागू माने जाएंगे।
  • उचित उपयोग: एक व्यक्ति के लिए एक ही खाता अनुमत है। बॉट, स्क्रिप्ट, डेटा स्क्रैपिंग, मैच-फ़िक्सिंग, ऑड्स में हेरफेर, बहु-खाते या किसी भी तरह का दुरुपयोग निषिद्ध है।
  • सामग्री और बौद्धिक संपदा: साइट पर प्रदर्शित सामग्री, ऑड्स, इवेंट डेटा, ब्रांड और इंटरफ़ेस कॉपीराइट और अन्य अधिकारों से संरक्षित हैं। बिना अनुमति पुनर्प्रकाशन, अनुवाद या व्यावसायिक उपयोग वर्जित है।
  • देयता सीमा: सेवाएं “जैसी हैं” के आधार पर उपलब्ध कराई जाती हैं। अप्रत्याशित तकनीकी समस्याएं, तीसरे पक्ष के इवेंट परिणाम, डेटा विलंब या नेटवर्क व्यवधान के लिए सीमित देयता लागू होती है। किसी भी स्थिति में अप्रत्यक्ष या परिणामी हानि के लिए दायित्व सीमित रहता है, जहां कानून अनुमति देता है।
  • कानून और अधिकार-क्षेत्र: विवादों के समाधान और लागू कानून ऑपरेटर के लाइसेंसिंग अधिकार-क्षेत्र और लागू निजी अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों के अनुसार निर्धारित होंगे।

सामान्य बेटिंग नियम

  • पात्रता और खाता: दांव लगाने के लिए सक्रिय सत्यापित खाता जरूरी है। आप पुष्टि करते हैं कि आपकी आयु 18 वर्ष से अधिक है और आपके क्षेत्र में ऐसी सेवाएं कानूनी रूप से अनुमत हैं।
  • दांव स्वीकार करने की प्रक्रिया: किसी इवेंट पर दांव तभी स्वीकार माना जाता है जब सिस्टम पुष्टिकरण और दांव आईडी प्रदर्शित करता है। लंबित या अस्वीकृत स्थिति में दांव मान्य नहीं होगा।
  • न्यूनतम और अधिकतम दांव: प्रत्येक बाज़ार, ऑड्स और इवेंट के लिए दांव की सीमा अलग हो सकती है। लागू सीमा आपके दांव स्लिप और नियमों में दिखाई जाएगी।
  • जीत-हार की गणना: निपटान आधिकारिक परिणामों और विश्वसनीय स्रोतों पर आधारित होता है। गलत उद्धृत ऑड्स, स्पष्ट त्रुटि या डेटा फ़ीड की गलती पर दांव संशोधित या अमान्य किए जा सकते हैं। आंशिक निपटान, कैश-आउट और रद्द नीति संबंधित बाज़ार नियमों के अनुसार लागू होगी।
  • प्रतिबंध: संदिग्ध पैटर्न, सिंडिकेटेड दांव, इन-हाउस डेटा के दुरुपयोग, स्वयं पर दांव, अंदरूनी सूचना या इवेंट में भाग लेने वाले व्यक्तियों द्वारा दांव वर्जित हैं। प्लेटफ़ॉर्म ऐसे दांवों को रोक या अमान्य कर सकता है।
  • रद्द और स्थगन: रद्द या अनिर्णीत इवेंट पर दांव संबंधित बाज़ार नीति के अनुसार वापस या आगे बढ़ाए जा सकते हैं। इवेंट नियमों में निर्दिष्ट समयावधि और शर्तें लागू होंगी। उपयोगकर्ता द्वारा दांव स्वीकार होने के बाद सामान्यतः रद्द करना संभव नहीं होता।
  • बोनस दांव: बोनस से लगाए गए दांव पर अलग नियम, रोलओवर, ऑड्स आवश्यकताएं और निकासी शर्तें लागू हो सकती हैं। संबंधित बोनस शर्तें पढ़ें।

भुगतान नियम

  • जमा और निकासी के मूल नियम: खाता फंडिंग केवल आपके स्वामित्व वाले तरीकों से अनुमत है। तृतीय-पक्ष भुगतान, नकद जमा और अनाम साधन वर्जित हैं। निकासी यथासंभव उसी माध्यम पर भेजी जाएगी जिस माध्यम से जमा किया गया था।
  • उपलब्ध तरीके: भारत में सामान्यत: UPI, नेट बैंकिंग, IMPS/NEFT, डेबिट-क्रेडिट कार्ड और अनुमोदित ई-वॉलेट उपलब्ध हो सकते हैं। उपलब्ध सेवाएं, सीमाएं और शुल्क आपके कैशियर अनुभाग में प्रदर्शित किए जाते हैं।
  • सीमाएं और शुल्क: न्यूनतम- अधिकतम जमा या निकासी, दैनिक-मासिक सीमाएं और संभावित शुल्क पद्धति के अनुसार बदलते हैं। जहां लागू होगा, विवरण इंटरफ़ेस में दिखेगा।
  • प्रोसेसिंग समय: जमा प्रायः त्वरित क्रेडिट होते हैं, परंतु बैंकिंग नेटवर्क पर निर्भर विलंब संभव है। निकासी अनुरोध समीक्षा, KYC और AML जांच के बाद संसाधित किए जाते हैं। समय-सीमा पद्धति और जांच पर निर्भर होगी।
  • KYC/AML सत्यापन: पहचान, पता और भुगतान स्रोत की पुष्टि आवश्यक हो सकती है – जैसे PAN, आधार, पते का प्रमाण, बैंक स्टेटमेंट। अधूरी या असंगत जानकारी पर लेन-देन रोके जा सकते हैं।
  • लेन-देन प्रतिबंध: चार्जबैक, रिवर्सल, बोनस दुरुपयोग या संदिग्ध गतिविधि पाए जाने पर धनराशि रोकी या जब्त की जा सकती है। मुद्रा रूपांतरण और बैंक शुल्क उपयोगकर्ता के दायित्व में हो सकते हैं।
  • ऑपरेशन रद्द करना: तकनीकी त्रुटि, अनुपालन जोखिम या कानूनी बाधा पर प्लेटफ़ॉर्म किसी जमा या निकासी अनुरोध को रद्द कर सकता है और आवश्यक होने पर मूल स्रोत पर वापसी प्रारंभ करेगा।

जिम्मेदार गेमिंग

  • सिद्धांत: दांव और बेटिंग मनोरंजन के रूप में लें। अपने बजट, समय और जोखिम सहनशीलता के भीतर रहें। कभी भी वित्तीय दायित्वों को पूरा करने के लिए दांव न लगाएं।
  • नियंत्रण उपकरण: खाता सेटिंग्स में आप जमा सीमा, हानि सीमा, दांव सीमा, सत्र समय-सीमा और वास्तविकता जाँच रिमाइंडर सक्रिय कर सकते हैं। सीमाओं में कमी तुरंत लागू हो सकती है, वृद्धि पर कूल-ऑफ अवधि लागू हो सकती है।
  • स्व-बहिष्करण: अल्पकालिक टाइम-आउट से लेकर दीर्घकालिक स्व-बहिष्करण तक विकल्प उपलब्ध हो सकते हैं। सक्रिय स्व-बहिष्करण के दौरान बोनस, दांव या सेवाएं उपलब्ध नहीं रहतीं।
  • स्व-मूल्यांकन: जोखिम स्व-मूल्यांकन प्रश्नावली का उपयोग कर अपनी बेटिंग आदतों का आकलन करें और आवश्यकता अनुसार सहायता लें।
  • सहायता संसाधन:
    • टेली-मैनस मानसिक स्वास्थ्य हेल्पलाइन: 14416 या 1-800-891-4416
    • NIMHANS परामर्श संसाधन: स्थानीय उपलब्धता देखें
    • Gambling Therapy और Gamblers Anonymous जैसी अंतरराष्ट्रीय सेवाएं
  • नाबालिगों की सुरक्षा: नाबालिगों को पहुंच से दूर रखें, डिवाइस पर पेरेंटल कंट्रोल सक्रिय करें।

मनी लॉन्ड्रिंग रोधी नीति

  • दायित्व: प्लेटफ़ॉर्म धन शोधन निवारण और आतंकवाद वित्तपोषण रोकथाम से संबंधित लागू कानूनों और मानकों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिनमें भारत का PMLA 2002 और प्रासंगिक नियम शामिल हो सकते हैं।
  • KYC प्रक्रियाएं: पंजीकरण और निकासी से पहले पहचान-पुष्टि आवश्यक हो सकती है – फोटो आईडी, PAN, पते का प्रमाण, और जहां आवश्यक हो, आय या फंड के स्रोत का विवरण।
  • लेन-देन निगरानी: असामान्य पैटर्न, तेज़ गति वाले जमा-निकासी, असंगत भुगतान साधन, बोनस दुरुपयोग या संरचित लेन-देन पर स्वचालित और मैनुअल समीक्षा लागू हो सकती है।
  • संदिग्ध गतिविधि: संदेह होने पर खातों पर अस्थायी प्रतिबंध, धन फ्रीज़, अतिरिक्त दस्तावेज़ की मांग या आवश्यक होने पर सक्षम प्राधिकरण को रिपोर्ट की जा सकती है।
  • परिणाम: AML/KYC का पालन न करने, झूठी जानकारी देने या नियमों का उल्लंघन करने पर खाता सीमित, निलंबित या बंद किया जा सकता है और संबंधित दांवों या बोनसों को अमान्य किया जा सकता है।

गोपनीयता नीति

  • डेटा संग्रह: पंजीकरण और उपयोग के दौरान पहचान व संपर्क विवरण, लॉगिन डेटा, डिवाइस व ब्राउज़र जानकारी, लोकेशन-आधारित अनुमान, लेन-देन रिकॉर्ड, दांव इतिहास, बोनस उपयोग और कुकी डेटा एकत्र किया जा सकता है।
  • उपयोग उद्देश्य: खाता निर्माण, सेवाओं की आपूर्ति, दांव निपटान, बोनस प्रबंधन, ग्राहक सहायता, कानूनी अनुपालन, जोखिम प्रबंधन, धोखाधड़ी रोकथाम और सेवा सुधार के लिए डेटा संसाधित किया जाता है।
  • कानूनी आधार: अनुबंध का निष्पादन, वैध हित, कानूनी दायित्व और जहां आवश्यक हो, आपकी सहमति।
  • साझा करना: भुगतान प्रोसेसर, पहचान सत्यापन प्रदाता, डेटा होस्टिंग, एनालिटिक्स, खेल डेटा फीड और कानूनी प्राधिकरणों के साथ आवश्यकतानुसार साझा किया जा सकता है, उपयुक्त सुरक्षा उपायों के साथ।
  • आपके अधिकार: अपने डेटा तक पहुंच, सुधार, पोर्टेबिलिटी, सहमति वापस लेने और जहां कानून अनुमति दे, मिटाने का अनुरोध कर सकते हैं। शिकायत हेतु ग्रिवांस नोडल संपर्क उपलब्ध कराया जाएगा।
  • भंडारण और प्रतिधारण: उद्देश्य की पूर्ति और कानूनी आवश्यकताओं के अनुरूप डेटा सीमित अवधि तक रखा जाता है, उसके बाद सुरक्षित रूप से हटाया या अनामीकृत किया जाता है।

सुरक्षा

  • तकनीकी उपाय: ट्रांज़िट और स्टोरेज पर डेटा एन्क्रिप्शन, सुरक्षित सर्वर कॉन्फ़िगरेशन, नियमित पैचिंग, भेद्यता आकलन और एक्सेस नियंत्रण लागू हैं। पासवर्ड हैशिंग और कुंजी प्रबंधन प्रक्रियाएं अपनाई जाती हैं।
  • खाता सुरक्षा: दो-चरण प्रमाणीकरण, लॉगिन अलर्ट, सत्र प्रबंधन, संदिग्ध प्रयासों पर लॉकआउट और डिवाइस पहचान उपाय उपलब्ध हो सकते हैं।
  • लेन-देन सुरक्षा: भुगतान प्रोसेसिंग पार्टनर्स उद्योग मानकों का पालन करते हैं। असामान्य गतिविधि पर रीयल-टाइम मॉनिटरिंग और धोखाधड़ी-रोधी नियम लागू होते हैं।
  • संगठनात्मक नियंत्रण: न्यूनतम विशेषाधिकार सिद्धांत, स्टाफ बैकग्राउंड जांच, अनिवार्य प्रशिक्षण और घटना-प्रतिक्रिया प्रक्रियाएं संचालित की जाती हैं।
  • निरंतर निगरानी: सिस्टम लॉगिंग, ऑडिट ट्रेल और सुरक्षा अलर्ट की समीक्षा द्वारा जोखिमों को पहचाना और कम किया जाता है।

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